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Hartalika Teej: Fasting and Traditions
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हरतालिका तीज : भक्ति और समर्पण का उत्सव

हरतालिका तीज का इतिहास

हरतालिका तीज हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो महिलाओं द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरतालिका तीज का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है और इसे भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व का उल्लेख प्राचीन धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में भी मिलता है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

पौराणिक कथा

हरतालिका तीज की पौराणिक कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपने अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। इस दिन को उनकी मिलन का प्रतीक माना जाता है और महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल दांपत्य जीवन की कामना के लिए उपवास करती हैं।

हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है?

हरतालिका तीज का पर्व मुख्य रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति में मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं:

वैवाहिक सुख और समृद्धि

यह पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं।

प्रकृति के प्रति सम्मान

हरतालिका तीज का पर्व वर्षा ऋतु के स्वागत के रूप में भी मनाया जाता है। यह समय खेती और हरियाली का होता है, जिससे पर्यावरण के प्रति सम्मान और प्रेम का भी संदेश मिलता है। इस समय पूरे वातावरण में हरियाली छा जाती है और प्रकृति अपने सुंदरतम रूप में होती है।

धार्मिक अनुष्ठान

यह पर्व धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के माध्यम से भगवान शिव और देवी पार्वती की भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। महिलाएं दिनभर व्रत रखती हैं और धार्मिक अनुष्ठान करती हैं।

हरतालिका तीज कब मनाई जाती है?

हरतालिका तीज भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि अगस्त या सितंबर महीने में पड़ती है। इस दिन पूरे वातावरण में हरियाली छा जाती है और चारों ओर प्रकृति की सुंदरता दिखाई देती है। महिलाएं इस दिन को विशेष रूप से मनाने के लिए बहुत उत्साहित रहती हैं और इसकी तैयारी पहले से ही शुरू कर देती हैं।

हरतालिका तीज कैसे मनाई जाती है?

व्रत और पूजा

हरतालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान महिलाएं श्रृंगार करती हैं और सुंदर वस्त्र पहनती हैं। पूजा में देवी पार्वती को सिंदूर, चूड़ी, मेहंदी और श्रृंगार के अन्य सामान अर्पित किए जाते हैं। व्रत के दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की कथा सुनती हैं।

झूला झूलना

हरतालिका तीज के अवसर पर झूला झूलना एक प्रमुख परंपरा है। महिलाएं और बच्चियां पेड़ों की डालियों पर रंग-बिरंगे झूले बांधती हैं और उन्हें झूलती हैं। यह परंपरा इस पर्व की विशेषता है और इसे बड़े ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। झूले पर झूलते समय महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटती हैं।

मेहंदी और श्रृंगार

इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं और सुंदर श्रृंगार करती हैं। मेहंदी का रंग उनके वैवाहिक जीवन की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं इस दिन पारंपरिक वेशभूषा में सजती हैं और एक-दूसरे को मेहंदी लगाकर इस पर्व को और भी खास बनाती हैं।

सामूहिक उत्सव

हरतालिका तीज के अवसर पर सामूहिक रूप से उत्सव मनाए जाते हैं। महिलाएं समूह में एकत्रित होकर गीत गाती हैं, नृत्य करती हैं और धार्मिक कथाएं सुनती हैं। इन सामूहिक उत्सवों में लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सजते-संवरते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

विशेष पकवान

हरतालिका तीज के दिन विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जिन्हें भगवान और देवी पार्वती को अर्पित किया जाता है। इसके बाद, ये पकवान परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खाए जाते हैं। इस दिन खीर, मालपुआ, पूड़ी और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं जो इस पर्व की विशेषता है।

हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं के सामूहिक उत्सव और उनके आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है। इस पर्व के माध्यम से महिलाएं अपने जीवन में सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की खुशहाली की प्रार्थना करती हैं। हरतालिका तीज का पर्व महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल परिवार की कामना करती हैं।

हरतालिका तीज का पर्व हमारे जीवन में खुशियां और समृद्धि लाने वाला पर्व है। इस पर्व के माध्यम से हम भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। आइए, इस हरतालिका तीज पर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाएं।

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