लाभ पंचम 2024: महत्व, शुभ मुहूर्त और उत्सव के विवरण
लाभ पंचम की तिथि: 6 नवंबर 2024
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त:
सुबह का मुहूर्त: 7:45 AM से 9:15 AM
दोपहर का मुहूर्त: 12:25 PM से 2:00 PM
शाम का मुहूर्त: 5:20 PM से 6:45 PM
लाभ पंचम क्यों मनाते हैं?
लाभ पंचम हिंदू कैलेंडर के कार्तिक माह के पांचवे दिन को चिह्नित करता है और मुख्य रूप से गुजरात और पश्चिमी राज्यों में मनाया जाता है। यह दिवाली उत्सव का अंतिम दिन होता है, जिसे सौभाग्य पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। ‘लाभ’ का अर्थ होता है लाभ या फ़ायदा, और ‘पंचम’ पांचवे दिन को दर्शाता है। यह पर्व नई शुरुआत करने, दिवाली के बाद व्यापार पुनः आरंभ करने और आगामी वर्ष के लिए समृद्धि व सफलता की कामना हेतु महत्वपूर्ण माना जाता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
लाभ पंचम दिवाली के बाद आर्थिक गतिविधियों को पुनः शुरू करने से जुड़ा हुआ है। इस दिन व्यापारी और व्यवसायी भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, ताकि उनके व्यापार में लाभ हो। बहुत से लोग इस दिन अपनी खाता-बही या ‘चोपड़ा’ की पूजा करते हैं, जो व्यापारिक गतिविधियों की शुभ शुरुआत का प्रतीक है। यह माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा से प्राप्त आशीर्वाद से समृद्धि और सफलता मिलती है।
पूजा विधि और अनुष्ठान
पूजा की तैयारी:
घर या व्यवसाय स्थल की साफ-सफाई करें, विशेषकर उस स्थान की जहां पूजा होगी। भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
फूल और मिठाई अर्पित करें:
ताजे फूल, लड्डू और पेड़ा जैसी मिठाइयाँ, धूपबत्ती और एक दीपक (दीया) पूजा के लिए आवश्यक होते हैं।
चोपड़ा पूजन:
व्यवसायी अपने खाता-बही की विशेष पूजा करते हैं, जिसे ‘चोपड़ा पूजन’ कहा जाता है, जिससे नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत सकारात्मक होती है।
मंत्रों का उच्चारण:
भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को समर्पित मंत्रों का जाप करना आवश्यक होता है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त हो।
प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद प्रसाद परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और मेहमानों में वितरित किया जाता है।
लाभ पंचम कैसे मनाएं
परिवारिक समारोह:
लोग अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर मिठाइयाँ बांटते हैं और पूजा करते हैं।
व्यवसाय पुनः आरंभ:
व्यापारी और उद्यमी अपने काम को पुनः शुरू करते हैं, और नए व्यापारिक वर्ष की शुभ शुरुआत करते हैं।
दान और उदारता:
भोजन, वस्त्र या धन का दान करना इस दिन की परंपरा है, जिससे समृद्धि और अच्छा कर्म मिलता है।
लाभ पंचम नए आरंभ, धन और समृद्धि का दिन है, जो इसे व्यापारिक गतिविधियों को पुनः शुरू करने के लिए आदर्श बनाता है। भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रार्थना के साथ, लोग सफलता और लाभ की कामना करते हैं। शुभ मुहूर्त में पूजा करना सुनिश्चित करें, ताकि आपको अधिकतम लाभ प्राप्त हो।